जानिए रक्षा बंधन पर्व तिथि व मुहूर्त 2019:
via http://www.sanjeevnitoday.com/
'डेस्क। रक्षा बंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन 15 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा। भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है और इस त्यौहार का प्रचलन सदियों पुराना बताया गया है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए अपना स्नेहाभाव दर्शाते हैं। रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा + बंधन जिसका अर्थ है रक्षा के बंधन में बंधना । रक्षा बंधन के दिन एक भाई अपनी बहन को उसक हर प्रकार से रक्षा का वचन देता है। इस दिन एक बहन अपने भाई को राखी बांधकर उससे अपनी रक्षा का वचन लेती है और भाई भी अपनी बहन के सभी दायित्वों का भार अपने ऊपर लेकर उसकी हर प्रकार से रक्षा का वचन देता है।
खास है इस बार राखी
ग्रहण मुक्त है इस बार की राखी
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'डेस्क। रक्षा बंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन 15 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा। भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है और इस त्यौहार का प्रचलन सदियों पुराना बताया गया है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए अपना स्नेहाभाव दर्शाते हैं। रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा + बंधन जिसका अर्थ है रक्षा के बंधन में बंधना । रक्षा बंधन के दिन एक भाई अपनी बहन को उसक हर प्रकार से रक्षा का वचन देता है। इस दिन एक बहन अपने भाई को राखी बांधकर उससे अपनी रक्षा का वचन लेती है और भाई भी अपनी बहन के सभी दायित्वों का भार अपने ऊपर लेकर उसकी हर प्रकार से रक्षा का वचन देता है।
कब तक रहेगी भद्रा
जानकारी के अनुसार रक्षाबंधन के पर्व को भद्रा की नजर लगने पर राखी बांधने के समय में फेरबदल करना पड़ता है। भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने का विधान शास्त्रसम्मत माना जाता है। सौभाग्य से इस बार इस पावन पर्व को भद्गा की नजर नहीं लग रही है। इसलिये बहनें भाइयों की कलाई पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच रक्षाबंधन का अनुष्ठान कर सकती हैं। अनुष्ठान का समय प्रात: 05:53 से सांय 17:58 बजे तक रहेगा। अपराह्न मुहूर्त 13:43 बजे से 16:20 बजे तक है।
खास है इस बार राखी
रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार इस बार गुरुवार के दिन है जो कि देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। रक्षाबंधन को लेकर मान्यता है कि बृहस्पति देवराज इंद्र की विजय प्राप्ति के लिये इंद्र की पत्नी को रक्षासूत्र बांधने को कहा था। वहीं इसका चलन माना जाता है। इस कारण गुरुवार के दिन यह पर्व होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
ग्रहण मुक्त है इस बार की राखी
राखी का त्यौहार भद्रा व ग्रहण से पीड़ित हो तो यह संयोग सौभाग्यशाली नहीं माना जाता लेकिन इस बार राखी ग्रहण से मुक्त है क्योंकि इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण 16-17 जुलाई को लग गया है। श्रावण पूर्णिमा इस बार ग्रहण से मुक्त रहेगी जिससे यह और भी सौभाग्यशाली हो जाती है।
जानकारी के अनुसार शुभ महूर्त
रक्षा बंधन तिथि - 15 अगस्त 2019, गुरुवार
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 05:53 से 17:58
अपराह्न मुहूर्त- 13:43 से 16:20
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 15:45 (14 अगस्त)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17:58 (15 अगस्त)
भद्रा समाप्त: सूर्योदय से पहले
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