उन्होंने पार्टी मामलों की आलोचना करने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद पर भी निशाना साधा।
डेस्क। 2012 के उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले हुई एक घटना को याद करते हुए तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम शशिधर रेड्डी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और उनके 23 दोस्तों में से कुछ पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि वे राहुल गांधी को एक बड़े नेता के रूप में नहीं देखना चाहते हैं।
शशिधर रेड्डी ने सोमवार को कहा कि नेतृत्व के मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का समूह नहीं चाहता कि राहुल गांधी मजबूत होकर उभरें।
उन्होंने पार्टी मामलों की आलोचना करने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद पर भी निशाना साधा। एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाया, “तथ्य यह है कि वह (आजाद) और ‘समूह 23’ के उनके कुछ दोस्त नहीं चाहते कि राहुल गांधी मजबूत होकर उभरें।”
शशिधर रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान आजाद इंसेफलाइटिस की रोकथाम और नियंत्रण के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिये आवंटित करीब 4300 करोड़ रुपये के कोष के बारे में सक्रियता से प्रचार करने में विफल रहे और समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की।
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रेड्डी ने कहा, "जब मैं 2011 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) का उपाध्यक्ष था और आजाद स्वास्थ्य मंत्री थे, मैंने जापानी इंसेफेलाइटिस और एईएस के कारण पीड़ित को लेकर उनसे दो महीने तक उनसे मिलने की कोशिश की। वहां हर साल सैकड़ों बच्चे मर रहे थे।'
शशिधर रेड्डी ने कहा, "अंत में गोरखपुर के लगभग 500 लोगों ने खून से पत्र लिखकर प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति, राहुल गांधी, और गुलाम नबी आजाद भेजा। सरकार को इस बीमारी के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए राजी किया गया था। दुर्भाग्य से, इस पर बात यूपी में चुनावों से पहले या उसके दौरान बात नहीं की गई। राहुल गांधी ने इन चुनावों के दौरान जमकर प्रचार किया, लेकिन यह मुद्दा उस तरीके से उजागर नहीं हुआ, जिस तरह से हो सकता है।''
उन्होंने कहा, "आजाद ने उस समय यूपी में इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया। आज हम सभी कह सकते हैं कि न तो आजाद और न ही उनके कुछ दोस्त राहुल गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में उभरने देना चाहेंगे।"
शशिधर रेड्डी ने 1992 में तिरुपति में AICC प्लेनरी में CWC के चुनाव के संबंध में एक और घटना का जिक्र किया, जिसमें एससी/एसटी समुदाय का एक भी सदस्य नहीं चुना गया था। रेड्डी ने कहा, "तब कांग्रेस अध्यक्ष और पीएम पीवी नरसिम्हा राव ने सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देते हुए इस्तीफा देने के लिए निर्वाचित सीडब्ल्यूसी को चुना और पूरे सीडब्ल्यूसी को नामित किया।"
बता दें कि हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी में संगठन चुनाव कराने और इसी से अध्यक्ष चुनने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि नियुक्त अध्यक्ष को एक प्रतिशत कार्यकर्ताओं का भी समर्थन प्राप्त नहीं होता है।
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